वीज़ा अमरीका का
जैसे
शादी के लिए पहले सगाई होती है उसी तरह किसी देश में जाने के लिए पहले वीज़ा लेना
पड़ता है । शादी, बिना सगाई के भी हो जाती है लेकिन देश
से बाहर जाने के लिए वीज़ा लेना बहुत ज़रूरी होता है और अमेरिका का वीज़ा मिलना ,
किसी
मनचाही खूबसूरत हीरोइन का मिल जाना ।
शशी
और मैं, खुरपिया के एक छोटे से गाँव में पढ़ते थे | तब
हमारे लिए हमारा अमेरिका किताबों तक ही सीमित था । हम भूड़ा , खलुआ
, भट्टा
देवरिया
और किछा , यही तक हमारी दुनिया सीमित थी । शशि और
मैं स्काउट और गाइड में टोली नायक बना करते थे । इसके
बहाने कभी शान्तिपुरी , रुद्रपुर आदि घूमने का मौका मिलता था ।
एक दोस्त राम
चन्दर जो स्काउट के बदौलत कभी नैनीताल जा पाया था , उसने बताया की
नैनीताल बहुत सुन्दर है और जब झील के किनारे चलो तो बादल हमारे साथ चलते है ,
ऐसा
लगता
है कि हम बादल में चल रहे है । तब हम सोचते थे कि बादल में कैसे
चलते होंगे ?
शशि
पढ़ाई करने के बाद जॉब में अमेरिका चला गया । हमारे खुरपिया से कोई लड़का पहली बार
विदेश गया था वह भी अमेरिका । हर तरफ गाँव में शशि कि चर्चा होने लगी । कभी शशि
अमेरिका से फोन करता था तो हमे गर्व महसूस होता था कि हमारा भी दोस्त है अमेरिका
में । उस समय व्हाट्सप्प नहीं था तो हम शशि को कॉलिंग नहीं कर पाते
थे उस समय इंटरनेशनल कॉल बहुत महंगी थी । लेकिन जब भी वह इंडिया आता हम मिलकर खूब
बाते करते और बचपन की बात करके खूब हँसते थे ।
शशि
अक्सर कहता आओ एक बार अमेरिका का चक्कर लगा लो । सात समंदर पार चक्कर लगाना ,
हमसे
नैनीताल का चक्कर नहीं लगता था फिर पईसा ? और
उसके
बाद वीजा ?
एक
बार शशि आया तो वो और मैं भीमताल गए वहाँ हमने एक विडिओ बनाई " अमेरिका से
आया मेरा दोस्त " और उस दिन बचपन की बाते याद
करते हुए हम बहुत हँसे । इस बार शशि सिरियस होकर बोला "यार
इस बार अपना अमेरिका का वीजा लगवा लो, खूब फन करेंगे
" ।
बचपन
में कभी सोचा नहीं था कि अमेरिका जाने के बारे में सोचेंगे । एक बार जब में शादी
के लायक हुआ तो जन्म कुंडली बनवाई , मेरी जन्म कुंडली बनी नहीं थी ,
अम्मा
से जब भी जन्म कि डेट पूछी तो कहती फागुन का महीना था और हमारी भैंस ने बच्चा दिया था उस समय पैदा हुआ
था । अब उस भैंस से कैसे पूछता कि तूने बच्चा कब दिया था । खैर ,
पंडित
जी ने जैसे तैसे समीकरण बैठाके कुंडली बनवाई तो सबसे पहले उस समय मैंने पूछा कि
मेरा विदेश जाने का योग है कि नहीं ? पंडित जी क्या कहा मुझे याद नहीं
शायद मना ही किया होगा ।
विदेश
जाने के चक्कर में ,मैने जॉब लगने के कुछ समय बाद ही अपना पासपोर्ट बनवा लिया था ।
पासपोर्ट को बने दस साल हो गए कोई मौका नहीं बना । पासपोर्ट Expire हो गया । मैंने फिर
रीन्यू करवाया और पाँच साल होने के बाद मेरा एक और दोस्त बिल्लू जो कि
कई
सालों से यूके और यूरोप मे जॉब कर रहा था , उससे मैंने
कहा
"यार
पासपोर्ट दूसरी बार भी एक्सपायर होने
वाला है एक बार विदेश का ठप्पा लगवा दे " । बिल्लू
ने एक की जगह सात ठप्पे लगवा दिए । स्वीडन
, फ़्रांस
, जर्मनी
, बेल्जियम
, नार्वे
, डेनमार्क
और स्विट्ज़रलैंड ( जो कि मेरा सपना था ) । जो बात पंडितजी कुंडली में देखकर नहीं
बता पाए वो सपना साला एक दोस्त ने पूरा कर दिया ।
विदेश
में एक बार जाने से कॉन्फिडेंस बहुत आ गया । शायद उस समय अपने एलआईसी ग्रुप में, मैं पहला बंदा था जो
विदेश गया था । इस बार शशि के कहने पर वीजा के लिए तैयार हो गया और वीजा
अप्लाइ करने की तरीख थी 13 .11.2022 । ये तारीख ऐसे याद हो गई जैसे
हनीमून की तारीख हो ।
वीजा
के लिए ऑनलाइन फॉर्म DS-160 भरना होता है । दोनों ने एक समय तय
किया
क्योंकि अमेरिका और इंडिया में 12 घंटे का अंतर है यहाँ शाम होती है तो
वहाँ सुबह । मैने अपने यहाँ सुबह का समय तय किया । शशि ने फॉर्म भरवाने में पूरी
मदद की । जब वीजा की फीस जमा की , जो कि उस समय
13000/- लगभग प्रति व्यक्ति थी, इंटरव्यू
कि डेट आई मई 2025 यानि दो साल बाद। शशि से मैंने कहा ये
कैसे ? उसने बताया कि US के लिए लंबी लाइन होती है तुम
इसे साइट पर जाकर Reschedule करते
रहना , ये डेट कम हो जायेगी । इसमे दो डेट होती है है एक OFC appointment और
दूसरी Consular appointment ।
पहले में Biometric और
पेपर चेक होते है दूसरे में US Embassy में पर्सनल
इंटरव्यू होता है ।
अब
मैं
हर
15 दिन
में ऑनलाइन इंटरव्यू की डेट चेक करने लगा और
धीरे धीरे सरकते हुए अप्रैल 2024 की डेट मिली
।
मई
2023 में
मेरा ट्रांसफर रुड़की से हल्द्वानी हो गया । इसी बीच ऑनलाइन वीजा कि साइट चेंज
हो गई और नई साइट में मेरा डाटा दिखा नहीं रहा था , मुझे अप्रैल 2024
के
इंटरव्यू की सही डेट याद नहीं थी , शशि ने भी बहुत ट्राइ किया पर
सही डेट का पता नहीं चल पा रहा था । अब एक नई समस्या हो गई , डेढ
साल बाद नंबर आया और सही डेट का पता नहीं । खैर, शशि ने
सुझाया कि टोल फ्री नंबर पर बात करो वो हेल्प करेंगे । मैंने साइट से टोल फ्री
नंबर लेकर फोन घुमाना शुरू किया और वास्तव में इस टोल फ्री नंबर ने मुझे घुमा दिया
। पहले एक दबाओ , फिर दो दबाओ , दबाते ही रहो और बाद में बिजी टोन आ
जाती
थी ।
बिल्लू
ने एक दिन कहा " बेटा US का
वीजा है, इतनी आसानी से नहीं मिलेगा , लगाते रहो "
फिर एक दिन फोन लग गया और डेट थी 03.04.2024 और 15.04.2024
।
मैं
और तुलसी एक दिन पहले दिल्ली पहुँच गए और वेब साइट से देखकर इंटरव्यू के
प्रश्न उत्तर की जोरशोर से तैयारी करने लगे । उसमे
एक प्रश्न दोस्त का एड्रैस भी था , उसको रटने में बहुत टाइम लगा । अगले दिन
03 अप्रैल
को सुबह 9.30 का टाइम था , हम घबराए हुए थे और दिल्ली के ट्राफिक
का रिस्क भी नहीं लेना चाहते थे तो हमारे साले साहब कर्नल भगवान सिंह बिष्ट हमे
खुद छोड़ने चाणक्यपुरी ( जहां पर सारी embassy है )
आए
।
वहाँ
फोन आदि कुछ भी allow नहीं
है , हमने
फोन और अन्य समान कर्नल साहब कि गाड़ी में छोड़ दिया और वो हमे छोड़ कर चले गए ।
लाइन
बहुत लंबी थी , ऐसा लग रहा था कि सब लोग इंडिया छोड़ कर अमेरिका जा रहे है ।
बाकी Embassy में
सब खाली दिख रहा था ।
लाइन
में
लगने
के बाद जब हमारा नंबर आया तो उन्होंने बताया कि आपको शिवाजी स्टेडियम जाना है बाओमेट्रिक
के लिए । हमारे हाथ पाव फूल गए क्योंकि जो टाइम हमें दिया था वह
निकाल चुका था, कर्नल साहब भी जा चुके थे हमारा मोबाईल और सामान लेकर । हमारी
घबराहट देखकर एक ऑफिसर ने कहा कि आप शाम तक वहाँ जा सकते है । ये सुनकर ऐसा
लगा
जैसे किसी प्रेमिका ने प्रेमी का प्रेमपत्र स्वीकार कर लिया हो ।
अब
कर्नल साले साहब को कैसे बुलाए , एक सिक्युरिटी ऑफिसर से फोन मांगा
तो
उसने फोन देने से मना कर दिया , हमने अपनी
समस्या बताई तो उसने कहा कि फोन नंबर बताए वह फोन खुद लगाएगा । आजकल फोन नंबर किसको
याद रहते है, अब ऐसा भी नहीं कर सकते कि फोन करके फोन नंबर पूछ लेते ।
तभी
तुलसी ने कहा " अपने फोन में कॉल करवाओ शायद कर्नल साहब उठा ले । ऐसा ही किया
और ये तीर चल गया ।
कर्नल
साहब ने हमे शिवाजी स्टेडियम छोड़ा , वहाँ जब लाइन में लगकर हमारा
नंबर आया तो उन्होंने बताया कि आपको अप्लाइ किए हुए छः महीने से ज्यादा हो गए है
इसलिए आपको ये आनलाइन अपडेट करना पड़ेगा । हमने कहा कि
छः
महीने से ऊपर हमारी गलती थोड़ी है नंबर ही डेढ़ साल बाद आया है । उसने कहा आपको यह
करवाना ही होगा अन्यथा सॉरी ।
वहाँ
यह नॉर्मल रूटीन था , वहाँ दलाल घूमते रहते है , एक हमारे पास
आया बोला एक के अपडेट करने के 1000/- लगेंगे , 2 के 2000/-
।
मैने कहा लूट मची है सिर्फ अपडेट करने के 2000/- । मैने तुलसी
से कहा कि मैं
मोबाईल में खुद अपडेट कर लूँगा लेकिन प्रिन्ट
आउट कैसे निकलेगा । तभी एक दूसरा दलाल आया उसने कहाँ मैं
500/- में
करवा दूंगा । तुलसी ने कहा कि कहाँ चक्कर में
पड़े हो , अमेरिका जा रहे हो और 500/ , 1000/- देख रहे हो ।
तुलसी का ये हथोड़ा काम
कर गया , अमेरिका के नाम पर लुटने को तैयार हो गया। जब लड़का मन पसंद मिल
जाए
और दहेज थोड़ा ज्यादा देना पड़े तब तकलीफ नहीं होती ।
प्रिन्ट
आउट लेकर हमारा बायोमेट्रिक आराम से हो गया , एक आध प्रश्न
उन्होंने भी पूछे । क्यों जाना चाहते हो ? वहाँ
कौन है ? वगैरह वगैरह ।
अब
एक हरडल तो पार कर लिया था , दूसरा हरडल 15
अप्रैल
को था । मैं सोच रहा रहा था , ये सब तो एक ही जगह और एक ही दिन
हो सकता था , दो दिन बुलाने का कान्सेप्ट मेरी समझ में नहीं आया ।
लोगों
ने डरा रखा था कि अमेरिका का वीजा इतनी आसानी से नहीं मिलता है ।
लेकिन मेरा प्लस पॉइंट ये था कि मैं एलआईसी में जॉब में थे दूसरा
यूरोप घूम कर आया था बिल्लू की बदौलत ।
15 अप्रैल
को US Embassy हम
समय पर पहुँच गए । एक लम्बी लाइन के बाद हमारा नंबर आया । वहाँ इंटरव्यू के लगभग 10
काउन्टर
बने होंगे । एक काउन्टर पर एक खूबसूरत अंग्रेज लड़की बैठी थी । मैंने तुलसी से कहा
कि हमारा इंटरव्यू ये ले तो अच्छा है , भले ही वीजा न लगे लेकिन एक
खूबसूरत लड़की से इंटरव्यू तो हो जाएगा । तुलसी ने कुहनी मारते हुए और मुझे घूरते
हुए कहा तुम नहीं सुधरोगे ।
किस्मत
बहुत साथ दे रही थी , उसी खूबसूरत लड़की के सामने हमारा इंटरव्यू का नंबर आया । तुलसी
ने मुझे चंचल भरी नज़रों से देखा । जैसे कह रही हो , बड़े लकी हो
तुम ।
मैने
शशि
का एड्रैस रट रखा कहा था , 107 BEACON FALLS CT, CARY , NORTH CAROLINA 27519, क्योंकि ये
बताया गया कि सबसे पहले ये पूछेंगे कि US में
आप कहाँ जाएंगे ?
लेकिन
उस खूबसूरत लड़की ने पूछा " Mr Chand you are going to NORTH CAROLINA ? "
I said " yes "
She asked " have u visited any other
foreign country? "
I said " yes, I have visited
seven European countries "
फिर
उसने तुलसी से पूछा " Why
didn't you go to Europe with your husband ?"
तुलसी
ने कहा " I was busy with
my children"
फिर
उसने शशि के बारे में , उसके जॉब के बारे में और मेरे जॉब के
बारे प्रश्न पूछे ।
अंत
में उसने कहा " your
visa has been accepted "
और
उसने हमारे पासपोर्ट ले लिए ।
तुलसी
खुशी से उछल पड़ी और उससे बोली " Thank
you Thank you Thank you "
Embassy से बाहर निकलते
हुए गर्व कि अनुभूति हो रही थी ।
तुलसी
ने कहा " मुझे अमेरिका जाने कि उतनी खुशी नहीं है जितनी इस वीजा के इंटरव्यू
को clear करने की है
" मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी
आईएएस का Exam. क्रैक
कर लिया हो ।