Saturday, December 25, 2010

UTTRAKHAND DARSHAN

Uttrakhand is a  beautiful place. It is called by "DEV BHOOMI"  where GOD lives.


Gopinath Temple- Gopeshwar



Badrinath






Mukteshwar - Nainital
                                                                        
Nainital

                                                        Kanchi Dhaam - Nainital
                                                              Naukuchiyatal - Nainital
                                                               Chitai Mandir - Almora


भक्ति का उद्गम यमुनोत्री धाम-


जीवन में भक्ति का विशेष महत्व है। इसीलिए धर्मग्रंथ सर्वप्रथम यमुनाजी के दर्शनों की सलाह देते हैं। यमुनाजी को भक्ति का उद्गम माना गया है। उत्तरकाशी जनपद में बंदरपुछ चोटी के पश्चिम किनारे पर समुद्रतल से 3165 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यमुनोत्री धाम। इसे पवित्र जल तीर्थ कहा गया है, जो चारधाम यात्रा का पहला ठहराव स्थल भी है। यहां से यमुना का उद्गम (4421 मीटर) मात्र एक किमी की दूरी पर है, लेकिन दुर्गम चढ़ाई होने के कारण श्रद्धालु इसे देखने से वंचित रह जाते हैं। वैसे यमुनोत्री पहुंचने के लिए मोटर मार्ग का अंतिम बिंदु हनुमान चट्टी है, लेकिन अब हल्के वाहनों से जानकीचट्टी तक पहुंचा जा सकता है। यहां से मंदिर मात्र पांच किमी की दूरी पर रह जाता है, जिसका निर्माण टिहरी के महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था।

Courtesy - Dainik Jagran










                                   

      Cloud End Mussoorie








Monday, September 13, 2010

Jeevan Saathi - Tele film

Jeevan Saathi

The Idea of Jeevan Sathi came in my mind 5 years back. Jeevan Sathi is a story of Batra's Family having beautiful wife Rashmi and 2 lovely children. Batra's family is standard happy family. Mr Batra is owner of a factory. They all are living happily but one day suddenly their life changed ....................... This story is written by one of my best friend Mr Deep Chandra Pathak. I am very thankful to him.

Jeevan Saathi

Cast :

1. Batra - owner of factory

2. Rashmi - wife of Mr Batra

3. Rahul - LIC Agent

4. Gupaji - Batra's friend and partner

5. Sonu and Manu - Batra's Children



Background - कभी कभी आपको भी लगता होगा की इन सडको पर जिंदगी भागदौड़ कर रही है या वाहन दौड़ रहे है । इन्हे देखकर मानव और मशीन में फर्क करना थोड़ा मुस्किल हो गया है। आज हर आदमी के पास एक ही चीज की कमी है और वह है समय ।



Scene-1 एक बंगले में सुबह के समय बत्राजी और उनका परिवार ( बीबी और दो बच्चे ) स्कूल और ऑफिस जाने की तैयारी में लगे है . साथ साथ में बच्चे और बत्राजी शैतानी भी कर रहें है .

गाना - जीवन हमारा खुशियों का तारा,

गम का भला यहाँ , क्या काम है .





Scene-२ ( राहुल एक बंगले के गेट के समीप अपनी मोटरसाइकिल रोकता है. गेट को खोलकर भीतर जाकर गेट फिर बंद कर देता है. सामने बत्राजी आंगन में बैठे हुए कुछ फइलें देख रहे हैं. राहुल उन्ही की ओर बढ़ता है.



राहुल - नमस्ते बत्राजी .

बत्रा - नमस्कार राहुल! और कैसें हैं आप ? आओ बैठो .

राहुल- मैं तो ठीक हूँ आप सुनाइए क्या चल रहा है?

बत्रा- अच्छा बताओ क्या चलेगा ठंडा या गरम?

राहुल- अरे बताराजी क्यों फर्मल्टी करते है आप.

बत्रा- (भीतर की ओर मुखातिब होकर) अरे जरा दो ठन्डे ले आओ. राहुल आये हैं. ओर बढे दिनों बाद यहाँ आना हुआ .

राहुल - बस आपकी फेक्ट्री की ओपनिंग के बाद आज ही आपसे मिल रहा हूँ .इधर काम बहुत बढ़ गया था .आज आप घर पर कैसे ?

राहुल- आज फेक्ट्री का इन्शोरंस कराया है बस उसी के पेपर देख रहा हूँ.

( तभी बत्राजी की पतनी रश्मि ट्रे में ठंडा लेकर आती है)



रश्मि - नमस्ते राहुल भैया.

राहुल- नमस्ते भबीजी . कैसी हैं आप?

रश्मि - ठीक हूँ राहुल भैया .

राहुल - आप भी बैठिये आज मुझे एक जरुरी बात करनी है .

बत्रा - कौन से जरिरू बात करनी है राहुल ?

राहुल - बत्राजी ! आपने फेक्ट्री की सुरक्षा के लिए उसका इंशोरेंस तो करा लिया. अब सबसे जरुरी बात है वह है आपका इंशोरेंस, अब तो आप एक एल.आइ.सी पॉलिसी ले ही लो .

बत्रा - देखो राहुल! व्यकती को हमेशा आशावादी होना चाहिए .मुझे एल.आइ.सी पॉलिसी में कोई दिलचस्पी नहीं है ( हँसते हुए ) आप एल.आइ.सी वाले तो हर समय मरने की ही बाते करते हो , यार कभी जिन्दगी कीबात भी किया करो . आप तो मुझे बचपन से ही जानते हो, दोस्ती में एस तरह की बाते मत किया करो .

राहुल - आपके करीब हूँ तभी तो आपके हित की बात कर रहा हूँ . मैं आपका शुभचिन्तक हूँ बत्राजी.

बत्राजी - राहुल छोड़ो इन बातो को अब मुझे आपकी मदत की जरूरत पढेगी .मेरी फेक्ट्री में बस आठ- दस महिमो में प्रोडक्ट तैयार हो जायेगे उनको मार्केट में लाँच करना है .

राहुल- अरे क्या बात की है बत्राजी,आप निशचिंत रहें, मैं आपकी हर संभव मदद को तैयार हूँ .कोई भी काम हो मुझको याद जरुर करना. हाँ एल.आइ.सी पालिसी के बारे में सोचना मैं फिर आऊंगा.

बत्रा - अच्छा नमस्ते .

( राहुल मोटरसाइकिल स्टार्ट कर चला जाता है)

( बत्रा के आफिस का द्रश्य . बत्रा कुछ फाइलें देखने में व्यस्त है . राहुल दरवाजा थोड़ा सा खोलकर अन्दर झांकता है .)

राहुल - क्या मैं भीतर आ सकता हूँ ?

बत्रा- अरे राहुल! आओ! बैठो कैसे हो?

राहुल - ठीक हूँ बत्राजी .आप सुनाइए कैसे है ?

बत्रा - सब ठीक है.(फोन पर ) जरा दो कप काफ़ी भिजवा दो .(फिर राहुल की ओर मुखातिब होकर ) और राहुल काम कैसा चल रहा है ?

राहुल - काम ठीक चल रहा है सब आपकी दुआए है. वो आपने एल.आइ.सी पालिसी के बारे में क्या सोचा है?

बत्रा - अरे यार तुम फिर उसी बात पर आ गए . अपनी तो यही फिलासफी है राहुल. जब तक जिन्दगी है .खूब मस्ती से जियो ,भविष्य के लिए ज्यादा टेंशन मत लो ,आज में जियो राहुल आज में.

राहुल - बत्राजी ! मैं मर्म की बात नहीं कर रहा हूँ .सुरक्षात्मक ढंग से जिन्दगी जेने की अच्छा आपने अपनी एस फेक्ट्री का बीमाक्यों कराया ?

बत्रा - भई क्लेम लेने के लिए .(मजाक में )लेकिन राहुल ,अपने बीमे में क्लेम तो मरने के बाद ही मिलेगा ना.

राहुल - बत्राजी फेक्ट्री के क्लेम और जीवन बीमा के क्लेम में अंतर होता है .जीवन बीमा में केवल डेथ में ही नहीं, यदि पॉलिसी की अवधि पूर्ण हो जाती है ,तब भी क्लेम मिलता है ,यह एक प्रकार की बचत भी तो है .

बत्रा - अरे इसेसे ज्यादा इंटरेस्ट तो एफ.डी या शेयर में मिल जाता है .

राहुल - यह एक प्रकार की समाज सेवा भी है राहुल ,आप अपना बीमा करने के साथ ही साथ एक दूसरे के व्यक्तियों की डेथ पर होने वाले डेथ क्लेम पेमेंट में अप्रत्यक्ष रूप से योगदान करते है .

बत्रा - ( मजाक में ) आप जैसे अजेंटो को ग्राहको की जेब से पैसा निकलवाना अछि तरह आता है .लेकिन मैं बता चूका हूँ राहुल कि मुझे जीवन बीमा में कोई इंटरेस्ट नहीं है

राहुल - मैं तो सदा ही आपका हितेषी रहा हूँ , क्या मुझे यहाँ से निराश ही लौटना पड़ेगा ?

बत्रा ऐसी बातें मत करो राहुल! आप ऐसे तो मानोगे नहीं ,ये लो चेक ,लेकिन ये चेक मैं सिर्फ दोस्ती कि खातिर दे रहा हूँ . आप इन रुपियों का कुछ भी करो .

राहुल - धन्यवाद बत्राजी !

continue ............

Bhaiyyaji - Short Film

Bhaiyyaji-
Bhaiyyaji is a Riksha puller who takes the children to School. Every one likes and call him "Bhaiyyaji". He is very punctual is his duty but One Day ........................... This is a short film Directed by Kanchan Bisht and Myself, Camera by Myself , Story by Siddheshwar Singh. Check out this Short Film

http://www.youtube.com/watch?v=PCiq7JPHl24

Sunday, August 29, 2010

LIC Kumouni Ad

Kumouni AD

This was my First Regional Ad for LIC which was air from Akashwani Almora on March 2008. This Jingal was recorded at Bareilly with our team members Smt Tulsi Chand, Balam Singh Mehra and Trilok Singh Bisht.