Tuesday, October 10, 2017

ये है नरवाल

श्री बी डी नरवाल जी के दिनांक 31.08.2017 को रिटायरमेंट फेवरवेल केउपलक्ष्य मे दिनांक 30.08.2017 को लिखी गयी कविता –



“जब लगी LIC मे नौकरी , रुपये मिले 600 रूपल्ली ,
नहीं थे पैसे लगाने के , साईकल मे वाल्व ,
ये है नरवाल , ये है नरवाल | “

“पैसे से थी इनकी दुश्मनी , रखते पैसे, नाड़े मे डाल ,
ये है नरवाल , ये है नरवाल | “

“हँसते हँसते मौज मे की नौकरी , नहीं बनाई कोई, डर की वाल ,
ये है नरवाल , ये है नरवाल |”

“कई तमगे तुमने पाये , LIC मे खूब नाम कमाये ,
नहीं रहा कोई मलाल ,
ये है नरवाल , ये है नरवाल |”

“ ज़िम्मेदारी घर की भी निभायी , बच्चो को लिया ढंग से पाल ,
वाह रे नरवाल, वाह रे नरवाल |”


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